आशिक़ के अथक प्रयासों के बावजूद उसे अब तक आपने माशूक से कोई जवाब नहीं मिला है । आशिक़ की परेशानी का सबब ये है कि उसे समझ नहीं आ रहा कि उसे किस बात की सजा दी जा रही है क्यों उसकी माशूका उसकी कोशिशों को नजरंदाज कर रही है ।
आशिक़ का दिल बहुत दुःखी है , हर दिन हर रात उसकी इसी गम में कट रही है कि क्यों उसे कोई जवाब नहीं मिल रहा ।
बहुत इंतजार करने के बाद भी जब उसे कोई जवाब नहीं मिलता तो आशिक़ का हौसला टूटने लगता है वह बस इतना चाहता है कि उसे हां या ना में ही कोई जवाब मिल जाए पर उसकी माशूका को कोई फर्क नहीं पड़ता वह आशिक़ की कोशिशों को अनदेखा ही करती रहती है ।
अपने गम को आशिक़ शब्दों में कुछ इस तरह बयान करता है ..
हर सवाल पर मेरे खामोश रहता है
ख़ुदा ही जाने कहां उसका ध्यान है ।।
वो शख़्स है कि कुछ बोलता ही नहीं
खफ़ा है हमसे या शायद बे-जुबान है ।।
मुस्कुराता है कभी,कभी झुकाता है नज़र
कोई बात है छुपा रहा, या फिर परेशान है।।
मेरा तो ले गया दिल अपना मगर देता नहीं
क्या बताऊं यारों, वो कितना बे-ईमान है।।
हर कोशिश का मेरी फकत खामोशी इनाम है
अरे ये कैसा इम्तिहान है,ये कैसा इम्तिहान है।।
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