हैलो दोस्तो आज़ की शायरी एक बहुत खूबसूरत रिश्ते के बारे में है जिसमें रूठना और मनाना निरंतर चलता रहता है । जी हाँ इस रिश्ते को ज़माने वाले मोहब्बत का रिशता भी कहते हैं। 

एक प्रेमी युगल के बीच ये रूठना मनाना चलता रहता है । प्रेमी अपनी प्रेमिका को जानबूझकर छेड़ता है उसे परेशान करता है जिससे उसकी प्रेमिका नाराज हो जाती है। 

हालांकि ये नाराज़गी ऐसे ही झूठ मूट् की ही है वो दोनो तो एक दूसरे के बग़ैर रह ही नहीं सकते। वह दरसल चाहती है कि उसका प्रेमी उसे मनाए, तरह तरह के जतन करे। बस इस रूठने मनाने में ये रिशता समय के साथ आगे बढ़ता रहता है और मजबूत होता जाता है। 

इस प्यारे से रिश्ते की नोक झोंक को कुछ इस तरह से शायर ने सुंदर अल्फाज़ों में सज़ाया है... 


वो करते हैं ये शिकायत कि हम उन्हें परेशान करते हैं 

क्या करें उन्हें देख कर दिल में शरारत आ ही जाती है ।।


झूठ-मूठ का करते हैं वो दिखावा हमसे रूठ जाने का 

हम बाहों में उन्हें लेते हैं तो मोहब्बत आ ही जाती है ।।


नाराज़गी यूं तो हमने देखी नहीं उस चांद से चेहरे पर

खफा मगर जो होते हैं तो फ़िर कयामत आ ही जाती है।।


कोई परेशानी जिंदगी में आए या फिर कभी जी घबराए

वो जब होते हैं करीब हमारे तो राहत आ ही जाती है ।।



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